सोमवार, जुलाई 7, 2025
होमशेयर मार्केटसेबी का बड़ा एक्शन: विदेशी ट्रेडिंग कंपनी Jane Street पर ₹4843 करोड़...

सेबी का बड़ा एक्शन: विदेशी ट्रेडिंग कंपनी Jane Street पर ₹4843 करोड़ की हेराफेरी का आरोप, भारतीय शेयर बाजार से बैन

सेबी का बड़ा एक्शन: विदेशी ट्रेडिंग कंपनी Jane Street पर ₹4843 करोड़ की हेराफेरी का आरोप, भारतीय शेयर बाजार से बैन


प्रस्तावना:

भारतीय शेयर बाजार में हाल ही में ऐसा बड़ा मामला सामने आया है जिसने निवेशकों और वित्तीय संस्थाओं के बीच हलचल मचा दी है। देश की शीर्ष वित्तीय निगरानी संस्था सेबी (SEBI – Securities and Exchange Board of India) ने अमेरिका आधारित एक प्रसिद्ध ट्रेडिंग कंपनी Jane Street Group पर भारी वित्तीय अनियमितताओं के चलते कड़ी कार्रवाई की है। कंपनी पर आरोप है कि उसने भारत के शेयर बाजार में ₹4843 करोड़ का अवैध मुनाफा कमाया है, वह भी एक सुनियोजित और जटिल हेराफेरी स्कीम के जरिए।

इस लेख में हम इस पूरे मामले को विस्तार से समझेंगे — आरोप क्या हैं, सेबी ने क्या कदम उठाए, कंपनी की रणनीति क्या थी, इसका निवेशकों और बाजार पर क्या असर पड़ा, और आगे क्या हो सकता है।


कौन है Jane Street Group?

Jane Street Group एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम करने वाली हाई-फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग कंपनी है, जिसका मुख्यालय अमेरिका में स्थित है। यह कंपनी तकनीकी विश्लेषण, एल्गोरिदम-आधारित ट्रेडिंग और डे-ट्रेडिंग के जरिए दुनियाभर के बाजारों में हिस्सा लेती है।

भारत में इसके द्वारा बनाए गए पंजीकृत सहयोगी फर्मों के माध्यम से NSE (National Stock Exchange) और BSE (Bombay Stock Exchange) जैसे मंचों पर ट्रेडिंग की जाती रही है।

लेकिन अब सेबी की जांच में सामने आया है कि कंपनी ने तकनीक और ट्रेडिंग अनुभव का गलत इस्तेमाल कर बाजार को प्रभावित करने की कोशिश की और मुनाफा कमाया।


पूरा मामला क्या है?

सेबी की जांच के मुताबिक Jane Street और उससे जुड़ी कंपनियों — जैसे JSI Investment Pvt Ltd, Jane Street Asia Trading Ltd और अन्य — ने भारत में एक बेहद सुनियोजित योजना के तहत ट्रेडिंग की।

इन कंपनियों ने कथित तौर पर Bank Nifty ऑप्शंस और फ्यूचर्स मार्केट में इस तरह ट्रेडिंग की जिससे वे खुद को बड़े मुनाफे की स्थिति में ला सकें।

सेबी के अनुसार, इन कंपनियों ने पहले कैश मार्केट और फ्यूचर्स मार्केट में भारी मात्रा में खरीद या बिक्री कर Bank Nifty इंडेक्स में उतार-चढ़ाव लाया, और फिर ऑप्शंस मार्केट में उसकी दिशा का फायदा उठाते हुए बड़ा मुनाफा कमाया।


कैसे हुआ ₹4843 करोड़ का मुनाफा?

सेबी के दस्तावेजों के मुताबिक, कंपनी ने जनवरी 2023 से मार्च 2025 के बीच भारत में ₹43,000 करोड़ से अधिक का कुल मुनाफा कमाया। इसमें से ₹4843.57 करोड़ को “unlawful gains” यानी अवैध लाभ के रूप में चिह्नित किया गया है।

सेबी के अनुसार, इस लाभ को मार्केट मैनिपुलेशन (बाजार में जानबूझकर हस्तक्षेप) के जरिए हासिल किया गया, जिससे अन्य निवेशकों को नुकसान हुआ और बाजार की पारदर्शिता पर असर पड़ा।


सेबी की कार्रवाई:

सेबी ने इस पूरे मामले में “interim order” यानी अस्थायी आदेश जारी किया है, जो कि मामले की जांच पूरी होने तक प्रभावी रहेगा।

मुख्य बिंदु:

  1. बाजार में प्रतिबंध: Jane Street Group और उससे संबंधित सभी कंपनियों पर भारत के शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है।
  2. फंड फ्रीज: कंपनी के भारत में मौजूद सभी बैंक खातों और डीमैट खातों को फ्रीज कर दिया गया है, जिससे वे फंड्स को बाहर नहीं निकाल सकें।
  3. एस्क्रो अकाउंट में राशि जमा: सेबी ने कंपनी को आदेश दिया है कि वह ₹4843.57 करोड़ की राशि 21 दिनों के भीतर एक भारतीय बैंक में एस्क्रो खाते में जमा करे।
  4. 3 महीने में सभी ओपन पोजीशन बंद: सेबी ने कंपनी को तीन महीने के अंदर अपने सभी खुले ट्रेड और निवेशों को बंद करने का आदेश दिया है।

क्यों है यह मामला महत्वपूर्ण?

भारतीय शेयर बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) और हाई-फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग फर्मों की भागीदारी लगातार बढ़ रही है। इन फर्मों के पास टेक्नोलॉजी, पूंजी और वैश्विक नेटवर्क होता है, जो उन्हें रिटेल निवेशकों की तुलना में तेज़ और जटिल ट्रेड करने की शक्ति देता है।

लेकिन जब ऐसी फर्में नियमों और नैतिकता का उल्लंघन करती हैं, तो इसका असर छोटे निवेशकों और बाजार की विश्वसनीयता पर पड़ता है।

सेबी की यह कार्रवाई इस संदेश को स्पष्ट रूप से देती है कि भारत में कोई भी संस्था, चाहे वह कितनी ही बड़ी क्यों न हो, कानून से ऊपर नहीं है।


Jane Street का जवाब:

Jane Street Group ने इस पूरे मामले पर अभी तक कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है। हालांकि, यह अनुमान लगाया जा रहा है कि कंपनी कानूनी सलाहकारों से बात कर रही है और जल्द ही SEBI के समक्ष अपनी दलीलें पेश करेगी।


शेयर बाजार पर असर:

इस खबर के सामने आने के बाद कुछ प्रमुख ब्रोकिंग और क्लियरिंग हाउस कंपनियों जैसे:

Nuvama Wealth

CDSL

Angel One

BSE

Motilal Oswal

के शेयरों में गिरावट देखी गई। इसका मुख्य कारण यह है कि इन कंपनियों की Jane Street या इससे जुड़ी संस्थाओं से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संबंध रहे हैं।


क्या यह अकेला मामला है?

सेबी ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल अन्य किसी विदेशी संस्था के खिलाफ ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है। यह कार्रवाई सिर्फ Jane Street से संबंधित है और बाकी बाजार अभी सुरक्षित है।

हालांकि, यह कहना गलत नहीं होगा कि सेबी अब अन्य विदेशी निवेशकों और HFT (High Frequency Trading) कंपनियों की गतिविधियों पर सख्त नजर रखेगी।


निष्कर्ष:

Jane Street पर लगा ₹4843 करोड़ की अवैध कमाई का आरोप और सेबी द्वारा की गई कड़ी कार्रवाई न केवल भारत के बाजार की पारदर्शिता और निष्पक्षता को बनाए रखने का उदाहरण है, बल्कि यह एक कड़ा संदेश भी है कि भारतीय वित्तीय प्रणाली में किसी भी प्रकार की हेराफेरी या मैनिपुलेशन बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

निवेशकों को भी इस मामले से सबक लेना चाहिए कि बाजार में किसी भी प्रकार की अफवाह या हेराफेरी के जाल में न फंसें, और दीर्घकालिक, शोध-आधारित निवेश पर ध्यान दें।


RELATED ARTICLES

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Most Popular

Recent Comments