
भोपाल (मध्यप्रदेश) – मध्यप्रदेश के वन विभाग ने हाल ही में एक बड़ा खुलासा करते हुए एक बेहद दुर्लभ और अंतरराष्ट्रीय बाजार में महंगे दामों पर बिकने वाले सांप “रेड सैंड बोआ” (Red Sand Boa) को बरामद किया है। यह सांप तांत्रिकों और तस्करों के बीच खासा लोकप्रिय है। इसकी बाजार में कीमत 20 से 25 करोड़ रुपये तक बताई जा रही है। आइए जानते हैं आखिर इस दोमुंहे सांप की खासियत क्या है, इसका अवैध व्यापार क्यों हो रहा है और यह कानून की नजरों में कितना बड़ा अपराध है।
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क्या है रेड सैंड बोआ (Red Sand Boa)?
रेड सैंड बोआ एक दुर्लभ और संरक्षित प्रजाति का सांप है, जिसे स्थानीय भाषा में ‘दोमुंहा सांप’ कहा जाता है। यह नाम इसलिए पड़ा क्योंकि इसके सिर और पूंछ का आकार लगभग एक जैसा होता है। यह सांप भारत, पाकिस्तान और ईरान के कुछ हिस्सों में पाया जाता है, लेकिन सबसे ज्यादा इसके मामले भारत में देखने को मिलते हैं।
वैज्ञानिक नाम: Eryx johnii
परिवार: बोआ (Boa)
लंबाई: 2 से 3 फीट
रंग: हल्का लाल, भूरा या तांबे जैसा
प्राकृतिक निवास: सूखी मिट्टी, रेगिस्तानी इलाके, जंगल
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तांत्रिकों की पहली पसंद क्यों है यह सांप?
रेड सैंड बोआ को लेकर भारत में कई अंधविश्वास और मिथक प्रचलित हैं। कई तांत्रिक इसे धन और समृद्धि का प्रतीक मानते हैं। उनका दावा है कि यह सांप “वास्तु दोष” दूर करता है और इसके घर में रहने से धन की वर्षा होती है।
इसके अलावा यह भी माना जाता है कि:
यह सांप मनोकामना पूरी करता है।
तंत्र-मंत्र और काले जादू में इसकी पूंछ का प्रयोग होता है।
सांप के तेल से यौन शक्ति बढ़ाने वाली दवाइयां बनती हैं (हालांकि वैज्ञानिक प्रमाण नहीं हैं)।
यही वजह है कि यह सांप तांत्रिकों और अवैध तस्करों के लिए “कीमती हीरा” बन गया है।
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अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत क्यों है इतनी ज्यादा?
रेड सैंड बोआ की अंतरराष्ट्रीय ब्लैक मार्केट में भारी मांग है। इसकी कीमत ₹20 से ₹25 करोड़ तक पहुंच जाती है। इसकी वजह है:
अंधविश्वास आधारित मांग: विदेशों में भी इसे ‘लकी चार्म’ मानते हैं।
दवा उद्योग: पारंपरिक मेडिसिन और यौन शक्ति बढ़ाने वाली दवाओं में प्रयोग की अफवाहें।
पेट ट्रेड: कुछ देशों में इसे पालतू जानवर की तरह रखा जाता है।
हालांकि यह सांप किसी भी वैज्ञानिक मान्यता के अनुसार जादुई नहीं है, फिर भी इसे लेकर लोगों के बीच भ्रम बना हुआ है।
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एमपी में कहां और कैसे पकड़ा गया सांप?
वन विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने मध्यप्रदेश के [यहां जिले का नाम दर्ज करें यदि उपलब्ध] में एक गुप्त सूचना के आधार पर छापा मारा और रेड सैंड बोआ को 3 तस्करों के साथ बरामद किया।
तस्करों के पास से क्या मिला?
एक जीवित रेड सैंड बोआ
तस्करी के लिए तैयार दस्तावेज
विदेशी खरीदारों से संपर्क के प्रमाण
अधिकारियों के मुताबिक, ये तस्कर इस सांप को महाराष्ट्र होते हुए नेपाल बॉर्डर पार कर विदेश भेजने की योजना में थे।
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भारत में कानून क्या कहता है?
रेड सैंड बोआ को भारत में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत Schedule IV में शामिल किया गया है। इसका मतलब है:
इसे पकड़ना, मारना या बेचना कानूनन अपराध है।
दोषी पाए जाने पर 3 से 7 साल की सजा और भारी जुर्माना हो सकता है।
इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय तस्करी में CITES (Convention on International Trade in Endangered Species) कानून भी लागू होता है।
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क्या है इसके पर्यावरणीय फायदे?
रेड सैंड बोआ का पारिस्थितिकी तंत्र में भी अहम योगदान है:
यह खेतों में पाए जाने वाले चूहों, कीड़ों और छोटे जीवों को खाकर फसल की रक्षा करता है।
यह जैव विविधता को संतुलित रखने में मदद करता है।
इसलिए इसका संरक्षण जरूरी है, न कि तस्करी।
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सरकार और वन विभाग की चेतावनी
वन विभाग ने इस तरह की घटनाओं को गंभीरता से लिया है और जनता से अपील की है कि:
यदि कहीं भी इस प्रकार के सांप की तस्करी या बिक्री होती दिखे, तो तुरंत सूचना दें।
सोशल मीडिया पर फैल रहे ‘जादुई सांप’ जैसे झूठे दावों से बचें।
ऐसा कोई भी जीव यदि देखा जाए, तो उसे छेड़ने के बजाय वन विभाग को सूचित करें।
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क्या दोमुंहे सांप से सच में होती है दौलत की बारिश?
नहीं। यह सिर्फ और सिर्फ एक अंधविश्वास है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इस सांप की कोई विशेष ऊर्जा या जादुई शक्ति नहीं है। यह सांप किसी मनोकामना को पूरा नहीं कर सकता और न ही यह किसी प्रकार की धनवर्षा करवा सकता है। इस तरह के झूठे दावों के पीछे मुनाफाखोर तस्कर होते हैं जो भोले-भाले लोगों को ठगते हैं।
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समाप्ति: संरक्षण ही समाधान
रेड सैंड बोआ जैसे दुर्लभ जीवों का संरक्षण केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि समाज के हर नागरिक का कर्तव्य है। यदि हम इन्हें अंधविश्वास और लालच की नजर से देखना बंद कर दें, तो ना केवल इस प्रजाति को बचाया जा सकता है, बल्कि जैव विविधता को भी सुरक्षित रखा जा सकता है।
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आपकी राय:
क्या आपने कभी ‘दोमुंहा सांप’ देखा है? क्या आपको लगता है कि अंधविश्वास से जुड़ी अफवाहों पर कानून सख्ती से रोक लगा पा रहा है? हमें कमेंट में जरूर बताएं।

